किनारा नहीं हैं
खामोश हैं जवान ,पर है यकीन तेरे आने का,
खामोसी से उन वादों को निभाने का ,
बेचैन साँसों को धडकन मिल जाने का पर सायद ,
अभी रहीम का इशारा नहीं है मेरे इन्तेजार का किनारा नहीं है See More
इन्सान एक बार ठोकर खाने से सुधरता है!
चाहे कितने भी विपति हो उसका सामना करता है SEE MORE
लिखो तो कुछ ऐसा लिखो
कलम रोने पर मजबूर हो जाये
हर नशा पर ऐसा दर्द पैदा करो
की हर कोई तुम्हे चाहने पर मजबूर हो जाये See More
वक्त तो हमे भुला चूका
कहीं मुकदर हमे भुला दे
हम प्यार इसलिए नहीं करते
की हमे फिरसे कहीं रुलादे See More
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